60+ Inspirational Krishna Suvichar in Hindi

आपका स्वागत है “Suvichar Way” पर, जहाँ हम आपके लिए लाए हैं श्रीकृष्ण के प्रेरणादायक सुविचार—”krishna suvichar”—जो आपके जीवन को सकारात्मक दिशा देने और मन को शांति प्रदान करने में सहायक होंगे।

यहाँ आपको श्रीकृष्ण के वे अनमोल वचन मिलेंगे, जो न केवल कर्म, भक्ति और प्रेम का संदेश देते हैं, बल्कि कठिन समय में भी आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। “Suvichar Way” पर हम आपको हर दिन ऐसे सुविचार देने का प्रयास करते हैं, जो आपके मन को छू जाएँ और जीवन में नई ऊर्जा भर दें।

कृष्ण सुविचार | Krishna Suvichar

Krishna Suvichar

“कर्म किए जाओ, फल की चिंता मत करो।”

“आत्मा अमर है, इसलिए मरने की चिंता मत करो।”

“इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है।”

“नर्क के तीन द्वार हैं: काम, क्रोध और लोभ।”

“मौन सबसे अच्छा उत्तर है, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए, जो आपके शब्दों को महत्व नहीं देता।”

Krishna Suvichar

“आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना होता है।”

“धर्म केवल कर्म से होता है, कर्म के बिना धर्म की कोई परिभाषा ही नहीं है।”

“अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव, तीनों ही समाप्त हो जाते हैं।”

“मैं सभी प्राणियों के हृदय में स्थित आत्मा हूँ।”

“मैं सभी प्राणियों का आदि, मध्य और अंत भी हूँ।”

Krishna Suvichar

“इच्छा पूरी नहीं होती तो क्रोध बढ़ता है और इच्छा पूरी होती है तो लोभ बढ़ता है। इसलिए धैर्य बनाये रखना।”

“धर्म केवल रास्ता दिखाता है, लेकिन मंजिल तक तो कर्म ही पहुँचाता है।”

“वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है, उसे शांति प्राप्त होती है।”

“अगर तुम्हें किसी ने दुखी किया है तो बुरा मत मानना, लोग उसी पेड़ पर पत्थर मारते हैं, जिस पेड़ पर ज्यादा मीठे फल होते हैं।”

“स्वार्थ से रिश्ते कभी नहीं बनते, प्रेम से बने रिश्ते कभी नहीं टूटते।”

Krishna Suvichar

“शिक्षा से पहले संस्कार, व्यापार से पहले व्यवहार और भगवान से पहले माता-पिता को पहचानो।”

“समय कभी किसी के लिए नहीं रुकता।”

“इन्द्रियों के अधीन होने से जीवन में परेशानियां आती हैं।”

“सुख-दुख का आना-जाना सर्दी-गर्मी के जैसा है, इन्हें सहना सीखो।”

“वाणी को संयम में रखना अनिवार्य है, क्योंकि वाणी से दिए घाव कभी नहीं भरते।”

Krishna Suvichar

“मनुष्य उसके लिए शोक करता है जो शोक के योग्य नहीं, बुद्धिमान ना जीवित और ना ही मृत के लिए शोक करते हैं।”

“मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ, चाहे तुम कुछ भी कर रहे हो।”

“जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा अच्छा होगा, अपने कर्म पर ध्यान दो।”

“कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ़ लेता है, जैसे बछड़ा अपनी मां को ढूंढ़ लेता है।”

“मैं सभी जीवों में विद्यमान हूँ, मैं चींटी में भी हूँ और हाथी में भी।”

Krishna Suvichar

“मेरे भी कई जन्म हो चुके हैं, तुम्हारे भी कई जन्म हो चुके हैं।”

“व्यक्ति कर्म करने से कभी छुटकारा नहीं पा सकता, कर्म करते रहना चाहिए।”

“परिवर्तन ही संसार में स्थाई है, परिवर्तन से भयभीत मत हो।”

“जो लोग दूसरों की सहायता करते हैं, ईश्वर उनकी सहायता करते हैं।”

“व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ प्रयास करे।”

Krishna Suvichar

“मन बहुत चंचल है, जो इंसान के दिल में उथल-पुथल कर देता है।”

“सभी पथ अंततः प्रभु की ओर ही ले जाते हैं।”

“इन्द्रियों से मिलने वाला सुख पहले तो अमृत जैसा, बाद में विष के समान होता है।”

“जब ध्यान में महारत हो जाती है, मन अडिग हो जाता है।”

“भविष्य की चिंता छोड़ दो, ईश्वर तुम्हारा साथ देगा।”

Krishna Suvichar

“जो मन को नियंत्रित नहीं करते, मन उन्हे नियंत्रित कर लेता है।”

“आशा बनाए रखना जरूरी है, निराशा सब कुछ बदल देती है।”

“हमारा आचरण हमारी अनुपस्थिति में भी हमें याद दिलाता है।”

“नकारात्मक लोगों से घिरे रहना मंजिल से भटका सकता है।”

“मतलबी दुनिया ने विपरीत समय में नजरें बदल ली, कृष्ण का साथ किस्मत बदल देता है।”

Krishna Suvichar

“दूसरों की जीत में खुशियां मनाने वाले ही खुश रहते हैं।”

“साथ, समय और समर्पण देने वाले व्यक्ति को संभाल कर रखिए।”

“जीवन से बड़ा कोई विद्यालय नहीं, कठिनाइयों से बढ़कर कोई परीक्षा नहीं।”

“कृष्ण ने राधा से प्रेम नहीं मांगा, मुस्कान ही जीवन भर का साथ थी।”

“अपने हक का भी छोड़ देने का मन हो तो वहीं रामायण की शुरुआत होती है।”

Krishna Suvichar

“प्रेम मांगना नहीं पड़ता, प्रेम समझना पड़ता है।”

“जब तक श्रीकृष्ण का प्रेम हृदय में है, कोई कठिनाई बड़ी नहीं लगती।”

“जो प्रेमी भक्त मेरे पर अपना अधिकार मान लेते हैं, मैं स्वयं पर उनका अधिकार मान लेता हूँ।”

“ज्ञान वही है जो आत्मा को जानने में मदद करे।”

“जो लाभ-हानि, जय-पराजय में सम रहता है, वही सच्चा ज्ञानी है।”

Krishna Suvichar

“कर्म योग: फल की चिंता छोड़कर कर्म करो।”

“अपने आप को बदलो, तभी संसार बदलेगा।”

“धैर्य रखो, समय सबका आता है।”

“मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु उसका अहंकार और इन्द्रियों पर नियंत्रण न होना है।”

“योगः कर्मसु कौशलम्—अपने कार्य में दक्षता ही सच्चा योग है।”

Krishna Suvichar

“प्रेम वह कुंजी है जो अनन्त आनंद और मुक्ति के द्वार खोलती है।”

“जहाँ कामना होती है, वहाँ प्रेम नहीं होता।”

“भक्ति का अर्थ केवल पूजा नहीं, बल्कि समर्पण है।”

“तुम एक योगी बनो, योगी सभी मनुष्यों में श्रेष्ठ होता है।”

“परिवर्तन को स्वीकार करो, वही जीवन का नियम है।”

Krishna Suvichar

“समय जो सिखाता है, वह कोई और नहीं सिखा सकता।”

“श्रीकृष्ण का प्रेम जीवन में नई ऊर्जा भरता है।”

“जो अपने कर्म में निपुण है, वही जीवन में सफल होता है।”

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निष्कर्ष

“krishna suvichar” के ये प्रेरणादायक विचार आपको हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच, धैर्य, प्रेम और कर्मशीलता की ओर प्रेरित करेंगे। “Suvichar Way” पर हम यही आशा करते हैं कि श्रीकृष्ण के ये सुविचार आपके जीवन में आशा, विश्वास और सफलता का नया मार्ग खोलें। जीवन में हर दिन इन विचारों को अपनाएँ और अपने जीवन को सुंदर बनाएँ।

“पढ़ाई को दिल से लगाओ, मंज़िल खुद तुम्हें बुलाएगी; ये शायरी सुनो (student shayari), और मेहनत को अपनाओ!”

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